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नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने संसद में उठाई चमार रेजिमेंट के दोबारा गठन की मांग 

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क 

आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण ने लोकसभा में आज चमार रेजिमेंट के दोबारा गठन की मांग की। चंद्रशेखर रावण उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद हैं। बता दें कि दलित समाज के लोग इस रेजीमेंट की फिर से बहाली की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के समय अंग्रेज सरकार ने इस रेजिमेंट का गठन किया था। यह रेजिमेंट 1943 से 1946 यानी सिर्फ 3 साल ही अस्तित्व में रही।  हालांकि म्हार समाज से जुड़े कुछ विद्वानों का मानना है इसका अस्तित्व और दूसरे विश्व युद्ध के पहले से था।  


अंग्रेजों ने बनाया था चमार रेजिमेंट
चमार रेजिमेंट को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1 मार्च 1943 को किया था। भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए अंग्रेजी सरकार ने इसे चमार जाति के आधार पर बनाया था। इसका निर्माण पैदल सेना के रूप में किया गया था। बाद में चमार रेजिमेंट 23वीं भारतीय इन्फैंट्री डिवीजन का हिस्सा बन गई। 1944 के मध्य में, रेजिमेंट की पहली बटालियन को नागालैंड में इंपीरियल जापानी सेना के खिलाफ लडाई लड़ने के लिए भेजा गया। ये लड़ाई अंग्रेजों के बर्मा अभियान का हिस्सा थी। लड़ाई तीन महीने से अधिक समय तक चली। इस दौरान रेजिमेंट ने कोहिमा की लड़ाई में भाग लिया था। रेजिमेंट की कमान ब्रिगेडियर जीएम डायर को सौंपी गयी थी। इसने भारतीय ब्रिगेड के हिस्से के रूप में बर्मा में जापानियों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी थी। 

पहले से होती रहा है मांग 
द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम चरण में, 1946 में चमार रेजिमेंट को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद से कई दलित और गैर-दलित नेताओं जैसे चंद्रशेखर, आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, कांग्रेस विधायक उदित राज, और पंजाब एससी आयोग के अध्यक्ष राजेश बाघा चमार रेजिमेंट को फिर से बनाने की मांग करते रहे हैं। 


 

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